पूर्व राजद MLC का आरोप, ‘तेजस्वी ने पी शराब’
सत्य खबर/पटना:
बिहार में इन दिनों फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदलकर अपने सहयोगी और विरोधियों दोनों को चौंका दिया है. 12 फरवरी को बहुमत परीक्षण को लेकर अटकलें तेज हैं. विपक्षी दल राजद और कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि इस दिन ‘खेला’ खेला जायेगा. इसे लेकर सत्तारूढ़ एनडीए निश्चिंत है. इस बीच राजद के एक नेता ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
हाल ही में विधान परिषद से बर्खास्त किए गए पूर्व राजद एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने आरोप लगाया है कि ‘तेजस्वी यादव ने सरकार में रहते हुए शराब पी थी।’ बिहार में शराबबंदी है, ऐसे में राजद नेता के इस आरोप के बाद तेजस्वी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. विपक्षी बीजेपी ने उन पर हमला बोलना शुरू कर दिया है.
सुशील मोदी ने की जांच की मांग
बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद के पूर्व एमएलसी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, अगर तेजस्वी यादव की ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने उनके पद पर रहते हुए आरोप लगाया है तो उनके पास कुछ सबूत तो होंगे ही. बीजेपी नेता ने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता खत्म करना या बहाल करना स्पीकर का विशेषाधिकार है, लेकिन सरकार शराबबंदी कानून तोड़ने की जांच करा सकती है.
उनके द्वारा जारी बयान में कहा गया कि राज्य में शराब पीने, रखने या व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून 2016 से लागू है. जब एक सामान्य नागरिक को कानून तोड़ने पर सजा दी जाती है, तो तेजस्वी यादव दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार का हिस्सा होने के नाते तेजस्वी यादव पर शराबबंदी कानून लागू करने की जिम्मेदारी थी, जबकि उन पर कानून तोड़ने का आरोप लगना सामान्य बात नहीं है.
आपको बता दें कि अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले राजद नेता रामबली सिंह चंद्रवंशी ने हाल ही में जब राज्य में महागठबंधन की सरकार थी तब उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी की थी. उन पर अति पिछड़े समाज पर हावी होने का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव पर शराब पीने का आरोप लगाया था.
इसके बाद 2 नवंबर 2023 को राजद एमएलसी और लालू परिवार के बेहद करीबी सुनील सिंह ने विधान परिषद के सभापति को आवेदन देकर रामबली सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इस आवेदन पर सिंह ने 15 दिसंबर को विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के समक्ष अपनी सफाई पेश की थी. इस पर 6 फरवरी को विधान परिषद अध्यक्ष ने फैसला सुनाते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी.